लहर-लहर लहराये लहरियो,
बरसे बदरा, बोले मोरियो,
गाये पपीहा, कोयल कुहुके,
आतीं हैं मैया रुक-रुक के...
पालकियों की शान है आई,
बघ्घियाँ भी सजी हैं भाई,
स्वर्ण-रजत से भरे हैं थाल,
मुक्ताहार, और भी माल...
आगे-आगे चलते हैं हाथी माता के,
ऊंट-घोड़े सजे खड़े हैं जीवनदाता के।
देखो इनकी चुनरी प्यारी,
देखो इनका घघरा भारी,
घघरे पर क्या है चित्रकारी,
सब अनमोल भये हैं...
सोलह सावन झूल लिए हैं,
सखियों से सब भेंट लिए हैं,
सोलह श्रृंगार माँ ने किये हैं,
मेंहदी से हाथ सजा लिए हैं...
उनके दर्शन पाने आये, शीश झुकायें, सब माता के,
सच्चा सुख मिलता है, अपने जीवनदाता से।
माता मेरी, माता भवानी,
शिव से है ये प्रीत पुरानी,
कथा नहीं जाए ये बख़ानी,
शिवपुर को हैं चलीं भवानी...
मांग भर रहे हैं त्रिपुरारी,
साथ खड़े शिवगण भयकारी,
गौरी माँ की शोभा भारी,
सब के सब मगन भये हैं...
आओ-आओ दौड़ के आओ पाने दर्शन माता के,
सच्चा सुख मिलता है, अपने जीवनदाता से।
इसी कथा के प्रतीक में अभी,
मना रहे तीज-त्यौहार सभी,
आतीं हैं मैया तीजों में,
जब बरखा छींट पड़े हैं...
माँ की लीला अपरम्पारी,
देख-देख हरषे नर-नारी,
नर-नारी हरषे अति सुन्दर,
माँ दे रहीं सबको इच्छित वर...
सारा जग है उमड़ पड़ा पाने आशीष माता के,
सच्चा सुख मिलता है, अपने जीवनदाता से।
आओ देखें माँ की सवारी,
उनकी शोभा है अति प्यारी,
खायें झूले, मचाएं धूम,
मस्ती में सब रहे हैं झूम...
मैया के आगे हम नाचें,
खूब बजाएं ढोल-नताशे,
कर प्रणाम गौरी मैया को,
बांटो बच्चों में तुम बताशे...
सज-धज कर सब आये देखो, भक्त माता के,
सच्चा सुख मिलता है, अपने जीवनदाता से।
करो आरती, गाओ स्तुति,
मंगलकारी गीत सुनाओ,
अपने सुहाग की करो प्रार्थना,
और अमर वर पाओ...
गाओ गाओ गाओ सभी, मंगलगीत गाओ,
हाँ गाओ गाओ गाओ सभी, मंगलगीत गाओ।
परणाम कर लो सभी, तीज माता के,1