कोरोना संकटकाल के दृष्टा
आज पूरा विश्व एक बहुत बड़े संकटकाल से गुजर रहा है। सभी देशों की अर्थव्यवस्थाएं बुरी तरह से प्रभावित हो चुकी हैं। प्रत्येक इंसान अंदर से भविष्य को लेकर डरा हुआ है। एक बहुत बड़ा बदलाव आ रहा है। आज इस संकट से न केवल वर्तमान सोच बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों की सोच भी प्रभावित होगी।
ये बहुत ही शांति की बात है कि भारत के लोग स्वयंमेव सेवाभावी हैं, ईश्वर का भजन करते हैं और आज के इस संकटकाल में नरेंद्र मोदी जी जैसे उन्नत नेता के संरक्षण में हैं। मोदी जी ने सही समय पर सही निर्णय लेकर देश को आने वाले एक बहुत बड़े संकट से बाल बाल बचाया है और वैश्विक स्तर पर उदाहरण पेश किया है। लेकिन कोई भी नेता जन सहयोग के बिना अधूरा होता है। आज सभी उनके फैसले के साथ खड़े हैं और घरों में हैं। आम जन और अनेक धनिक धन से तो अनेक तन से सेवा कार्यों को पूरा कर, अपना कर्तव्य अपनी जान की परवाह किये बिना निभा कर, अपने देश के गरीब और पीड़ित वर्ग की सहायता कर रहे हैं और मन से तो सभी मोदी जी की इस लड़ाई में उनके और उनके फैसलों के साथ खड़े ही हैं। अब बात इस पर विचार करने की है कि आगे क्या होना चाहिए और हमें हमारे देश के लिए, इस संसार के लिए क्या करना चाहिए।
अपनी भाषा, अपना धर्म, अपना देश, अपने लोग
हमें बताते हुए हर्ष होता है कि जापान के लोग कर्मठ होते हैं और अपने देश को सबसे ऊपर रखते हैं, कि फ्रांस के लोग ईमानदार होते हैं... ये सब क्या है? ये किसी देश के नेता की नहीं, उस देश के लोगों की तारीफ है जो उन्होंने अच्छे व्यवहार से देश के लिए संग्रहित की है और1